आचार्य बालकृष्ण जी
के ऊपर सीबीआय की कारवाई केंद्र सरकार को पड़ेगी महेंगी !
९ ऑगस्ट को दिल्ली में होनेवाले आन्दोलन की डर से बौखलाई हुयी केंद्र सरकार ने सीबीआय के जरिये
आचार्य बालकृष्ण जी को जेल में कैद करवाकर जो दांव खेला है उसका परिणाम ९ ऑग. के
आन्दोलन को अधिक ताकद मिलने में हो रहा है|बालकृष्ण
जी को प्यार करनेवाले करोडो लोगों की आस्था
को केंद्र सरकार ने ठेंच पहुंचाकर खुद सरकार अपने ही
गलेमे फांशी का फंदा कसते नजर आ रही है|
सीबीआय कारवाईने सरकार
की ही पोल खोल दी है
!
आचार्य बालकृष्ण जी के ऊपर आरोप थोपा गया है की उन्होंने पासपोर्ट निकलने के लिए जो डिग्री प्रमाणपत्र दिया वह नकली है वास्तव में श्रध्येय आचार्य बालकृष्ण जी के
पासपोर्ट को निकाले हुये कई साल हुए है और अब तक उन्होंने अनेक विदेशों का दौरा भी किया
है,फिर सोचने की बात है की अभी अचानक सी.बी.आय. को आचार्य जी के पासपोर्ट की चौकसी का दौरा क्यों
पड़ा?सी.बी.आय. के सामने ऐसी क्या मुसीबत खडी हुयी की उसको भ्रष्टाचार में लिप्त
ऐ राजा एवं
कलमाड़ी जैसे राजनेता और कालेधन में लिप्त मंत्री राजनेता एवं अधिकारी जैसे लोगों
की इन्क्वायरी से जादा
महत्वपूर्ण आचार्य बालकृष्ण जी के पासपोर्ट की इन्क्वायरी लग रही है ?
प. पू. स्वामी रामदेवजी महाराज ने काला धन,भ्रष्टाचार एवं
अन्यायकारक व्यवस्था के विरोध में ९ ऑगस्ट को राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की घोषणा कर
दी है, इसे डरकर बौखलाइ हुए सरकार ने जानबूझकर आचार्य बालकृष्ण जी
की ऊपर झूठ आरोप लगाकर करवाई की है,इस बात को देश की जनता अच्छी जानती है|
पासपोर्ट के लिए डिग्री सर्टिफिकेट जरुरी है क्या ?
पासपोर्ट निकालनेके लिए जरुरु नहीं की आपके पास डिग्री सर्टिफिकेट हो, क्यों की पासपोर्ट निकालनेके लिए शिक्षा की कोई अट नहीं होती, बल्कि एक अनपढ़ व्यक्ति या एक छोटे बच्चे का भी पासपोर्ट, कानूनन बन सकता है , इसलिए सीधी तर्क की बात है की जहाँ पासपोर्ट बनवाने के लिए किसी डिग्री की जरुरी ही नहीं वहाँ
किसलिए कोई फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट हासिल करना चाहेगा या करेगा ?
बालकृष्ण जी ने क्या
नौकरी के लिए नकली प्रमाणपत्र लिया है ?
पतंजलि योगपीठ के माध्यम से आचार्य बालकृष्ण जी ने इतना पुरुषार्थ
किया है की आज उनकी बदौलत दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से अच्छा रोजगार उपलब्ध
हुवा है, याने की उनको ना कभी नौकरी की जरुरत पड़ी ना पड़ेगी तो फिर फर्जी
सर्टिफिकेट वे क्यों प्राप्त करेंगे ?
किसी भी हालात में
कारवाई नाजायज है|
यदि थोड़ी देर मान भी लिया जाये की फर्जी
डिग्री सर्टिफिकेट के आधारपर पासपोर्ट
दिया है तो फिर ये गलती पासपोर्ट ऑफिस की है जो भारत सरकार के अधीन होता है, याने की कारवाई उसी पर होनी चाहिए ना की
आचार्य बालकृष्ण जी पर !
पू. आचार्य
बालकृष्ण जी का संशोधन काम एक
नोबेल पारितोषिक से जादा है
श्रध्येय आचार्य बालकृष्ण जी के
शिक्षा के बारेमे वास्तविकता यह है की उन्होंने भारतीय परंपरा
से चली आयी ‘ऋषि गुरुकुल’ पद्धति से अपनी शिक्षा और दीक्षा पाई है| पू. आचार्य बालकृष्णजी
ने भारतीय आयुर्वेद शास्त्र की परंपरा में इतना बड़ा काम किया है की दुनियाके
इतिहास में पिछले दो हज़ार सालों में शायद दुसरे किसी ने किया हो| उन्होंने
संजीवनी जैसी एक नहीं अनेको लुप्त या दुर्लभ औषधियों की खोज की है| आयुर्वेद
विषयपर उनकी अनेक किताबे जैसे की औषध दर्शन, जडीबुटी रहस्य खूब लोकप्रिय है | अब
तक आयुर्वेद से हमें करीब पाँच सौ से सात सौ तक ही जडीबुटी याने की औषधि पौधों के बारे में कुछ सिमित
ज्ञान था मगर आचार्य जी ने सम्पूर्ण दुनियाके पौधों का अभ्यास कर के दुनिया में पहली
बार एक ऐसे विश्वकोष का निर्माण करवाया जा रहा है जिसमे पूरी दुनियाके पाँच हजार
वनौषधियों की विस्तार से सम्पूर्ण माहिती दे दी है | मनुष्य जाती के स्वास्थ के
लिए चरक सुश्रुत या धन्वंतरी
के बाद इतना बड़ा काम शायद पहली बार हुवा है | मानव जाती के लिए यह काम
इतना महत्वपूर्ण है की इसे आनेवाली अनेक पीढियां कई सदियों तक भुला नहीं पायेंगी| अबतक आचार्य बालकृष्ण जी ने करीब आठ लाख लोगोंकी प्रत्यक्ष चिकित्सा की है जो अपने आप में एक सब से बड़ा रिकॉर्ड है | लाखों लोगों की जटिल, असाध्य बिमारियोंको उन्हों ने ठीक किया है या सुधार किया है
| दुनिया की सबसे बड़ी आयुर्वेद औषधिया बनाने वाली “दिव्य योग फार्मसी “ यह कंपनी भारत में ( हरिद्वार) होनेका बहुमान उनके पुरुषार्थ से ही हमारे देश को प्राप्त हुवा है| आज पुरे देश में “दिव्य योग फार्मसी “के तहत पतंजलि आरोग्य केंद्र और पतंजलि चिकित्सालय केन्द्रों की एक बड़ी शृंखला कार्यरत है | इन
केन्द्रों पर रोज एक लाख मरीजोंको पतंजलि योगपीठ के तज्ञ प्रशिक्षित वैद्यों द्वारा मुफ्त में
रोगनिदान और औषधि परामर्श की सेवा देकर न्यूनतम कीमत में सर्वोत्तम औषधियां उपलब्ध करा दी जा रही है |
आचार्य बालकृष्ण जी ने देश का एक नया इतिहास रचा है |
देश के लोगोंके आरोग्य के नाम पर सालाना करोडो रुपयों का बजेट फूंककर जो काम
केंद्र सरकार ६४ सालो मे नहीं कर सकी वह काम कुछ चंद सालोमे आचार्य बालकृष्ण जी के नेतृत्व में एक गैर सरकारी संस्था से हो रहा है, यह देश के लिए गौरव
बात है|